‘शेरू’ को मैदान में देखकर दुश्मन का छूटा पसीना, आप भी तस्वीरों में देखें ।
Surya Dron Tech-2025. Indian Army.Indian defence manufecturer.
रोबोटिक म्यूल यानी चलती रोबोटिक मशीन, जो किसी भी तापमान पर 24 घंटे भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहा है। यह एक हाईटेक रोबोट है, जो चल सकता है, दौड़ सकता है, मुड़ सकता है और कूद सकता है
भारतीय सेना की सेंट्रल कमांड व सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) के सहयोग से सूर्या ड्रोन टेक-2025 का आयोजन किया गया। दो दिवसीय इस टेक का शुभारंभ मंगलवार को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि किया। टेक के पहले दिन आधुनिक तकनीक के जरिए भारत की रक्षा नवाचार की क्षमताओं का सशक्त प्रदर्शन किया गया।
इस दौरान भारतीय सेना के साथ शेरू (रोबोटिक म्यूल) को देख दुश्मन के पसीने छूट रहे हैं। रोबोटिक म्यूल यानी चलती रोबोटिक मशीन, जो किसी भी तापमान पर 24 घंटे भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहा है। यह एक हाईटेक रोबोट है, जो चल सकता है, दौड़ सकता है, मुड़ सकता है और कूद सकता है।
सूर्या ड्रोन टेक में पहुंचे शेरू को देख हर कोई उत्साहित नजर आया। शेरू को ऑपरेट करने वाले सेना के जवान गौरव नेगी ने बताया कि एक बार चार्ज करने पर शेरू तीन घंटे लगातार काम कर सकता है। शेरू बंदूक व अन्य भार उठाने के साथ सर्विलांस का काम भी बखूबी करता है
इन्हें खासतौर से ऐसी जगहों के लिए बनाया गया है, जहां इंसानों की पहुंच आसान नहीं है और खराब मौसम वाली जगहों पर भी इसे रखा जा सकता है। इस रोबोटिक म्यूल का प्रयोग इन दिनों इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में भी किया जा रहा है। वहीं, ड्रोन प्रदर्शनी में गोरखा रेजिमेंटर सेंटर की ओर से तैयार किए गए ड्रोन भी प्रदर्शित किए गए। इस ड्रोन को भारतीय सेना के जवान ने खुद तैयार किया है।
सैन्य अफसरों ने बताया कि एफपीवी ब्लैक कैट ड्रोन बनाया गया है। यह 80 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से 20 किलोमीटर तक उड़ सकता है। इसके अलावा बहादुर ड्रोन पांच किमी रेंज तक उड़कर इस दौरान की पूरी वीडियो की लाइव फीड देता है। इससे रेकी में मदद मिलती है। यह ड्रोन ऐसे तैयार किए गए हैं, उसका कोई उपकरण टूटने पर सेना के जवान कुछ घंटे में उसे तैयार कर उसे दोबारा लगा सकते हैं।